Thursday, May 12, 2016

चोट

वैसे हम सबको गुरू से बहुत प्यार है लेकिन क्या हमे पता है कि हमारे गुरू जी हमे कितना प्यार करते है

एक परिवार था जो गुरू से बहुत प्यार करता था वह लोग कही जाते तो गुरू की मुरती के सामने माथा टेकते कही से आते तो भी माथा टेकते ये काम घर का प्रत्येक व्याक्ती करता था एक बार घर का छोटा बेटा जो तेरह चौदह साल का था बिना माथा टेके बाहार चला गया वहॉ उसने देखा कुछ लडको मे लडाई हो रही है वह भी वहॉ खडा हो गया लडके आपस मे लड रहे थे उन लोगो ने उसे दुसरी पाटी का समझ कर पकड लिया दुसरे लडके ने कैची निकाल कर उसके गले पर वार करने शुरू कर दिये उसने कई वार किये तब तक उस परिवार का बडा बेटा आ गया उसे देख कर लडके भाग गये छोटा लडका बेहोश हो गया उसे घर ले जाया गया उसका खून बहता देखकर उसकी मॉ घबरा गई वह गुरू के चरणो मे बैठकर रोने लगी तब तक उस लडके को हॉस्पीटल ले गये इधर उसकी मॉ रोते हुए गुरू से कह रही थी आप तो भक्तो के अंग संग रहते हो फिर भी ये सब हो गया रोते रोते उसकी ऑख लग गई उसने देखा गुरुजी महाराज खडे है उनके दोनो हाथो से खून निकल रहा है वो बोले बेटा आज अगर मै वहॉ न होता तो तेरा बेटा मारा जाता वह कैची मैने इसकी गदॆन तक नही पहुचने दी वह मेरे हाथो मे लगती रही उसके केवल मामूली चोट लगी है वह डर के कारण. बेहोश हो गया है वह बिना माथा टेके बिना दशॆन करे घर से निकल गया । होना कुछ और था लेकिन टल गया वह भक्तानी एकदम चौक कर उठी गुरू जी के चरणो मे लेट गई हे प्रभू हमारे लिए आपने इतने कष्ट उठाये तभी उसका बेटा हॉस्पीटल से लौट कर आया उसके पिता ने बताया सब ठीक है बस थोडी चोट है तभी लडका बोला पिताजी मुझे गुरू जी ने बचाया कैची तो उसने लगातार गले पर मारी लेकिन चोट बहुत कम लगी तब उसकी मॉ ने उसे पुरी बात बताई तब उसने कहा आज के बाद गुरूजी को माथा टेके बिना कही नही जाऊंगा..
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*सतगुरु के सभी प्यारे और बेशकीमती सतसंगी परिवार को प्यार भरी जय गुरुजी*
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