Tuesday, March 15, 2016

शुकराना

🙏शुकराना🙏

☀कहानी रूप सिंह बाबा की है।
रूप सिंह बाबा ने अपने गुरु अंगद देव जी की बहुत सेवा की ।
20 साल सेवा करते हुए बीत गए। गुरु रूप सिंह जी पर प्रसन्न हुए और कहा मांगो जो माँगना है। रूप सिंह
जी बोले गुरुदेव मुझे तो मांगने ही नहीं आता। गुरु के बहुत कहने पर रूप सिंह जी बोले मुझे एक दिन का वक़्त दो घरवाले से पूछ ्के कल बताता हु। घर जाकर माँ से पुछा तो माँ बोली जमीन माँग ले। मन नहीं माना।बीवी से पुछा तो बोली इतनी गरीबी है पैसे मांग लो। फिर भी मन नहीं माना।

✊छोटी बिटिया थी उनको उसने बोला पिताजी गुरु
ने जब कहा है कि मांगो तो कोई छोटी मोटी चीज़ न
मांग लेना। इतनी छोटी बेटी की बात सुन्न के रूप सिंह
जी बोले कल तू ही साथ चल गुरु से तू ही मांग लेना ।✊

🙏अगले दिन दोनो गुरु के पास गए। रूप सिंह जी बोले गुरुदेव मेरी बेटी आपसे मांगेगी मेरी जगह।
वो नन्ही बेटी बहुत समझदार थी। रूप सिंह जी इतने गरीब थे के घर के सारे लोग दिन में एक वक़्त
का खाना ही खाते।इतनी तकलीफ होने के बावजूद भी उस नन्ही बेटी ने गुरु से कहा गुरुदेव मुझे कुछ
नहीं चाहिए।आप के हम लोगो पे बहुत एहसान है।
आपकी बड़ी रहमत है। बस मुझे एक ही बात चाहिए
कि आज हम दिन में एक बार ही खाना खाते है ।
कभी आगे एसा वक़्त आये के हमे चार पांच दिन में भी अगर
एक बार खाए तब भी हमारे मुख से

❗शुक्राना ही निकले।❗

कभी शिकायत ना करे।
🐾शुकर करने की दात दो।🐾
👍इस बात से गुरु इतने प्रसन्न हुए के बोले जा बेटा अब तेरे घर
के भंडार सदा भरे रहेंगे। तू क्या तेरे घर पे जो आएगा वोह
भी खाली हाथ नहीं जाएगा।👍

👉तो यह है शुकर करने का फल।👈
❗ सदा शुकर करते रहे❗
❗ सुख में सिमरन ❗
❗ दुःख में अरदास❗
❗ हर वेले शुकराना❗
❗ सुख मे शुकराना❗
❗दुःख मेभी शुकराना❗
🌹 हर वेले हर समय हर वक्त सिर्फ 🌹 🙏शुकराना 🙏शुकराना🙏 शुकराना🙏

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